Saturday, November 8, 2008

टिप्पणी करें: हिन्दू आतंकवाद की राह पर सेना के अफ़सर...

फिरदौस खाला ने यहाँ अपने ब्लॉग पर निम्न बात लिखी है और वहाँ कई लोगों की टिप्पणीयाँ प्रकाशित भी नहीं कर रही, अपने आपको पत्रकार बता रही इस मोहतरमा के लिए दुसरों के विचार कोई माने नहीं रखते, अतः वे जो इस पोस्ट पर अपने विचार रखना चाहते है, कृपया यहाँ टिप्पणी के रूप में दर्ज करें।

हिन्दू आतंकवाद
वाक़ई देश के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है...सबसे ज़्यादा शर्म ख़तरे की बात यह है कि इन
हिन्दू आतंकवादियों ने सेना के अफ़सरों को भी अपने गिरोह में शामिल कर लिया है...
सेना के गठन का मक़सद देश की सुरक्षा करना होता है बाहरी और अंदरूनी दुश्मनों
से...जब सेना ही आतंकवाद फैलाने पर उतर आए तो उस देश का क्या होगा...आसानी से
अंदाज़ा लगाया जा सकता है...साथ ही यह भी सवाल है कि हम सैनिकों को किस रूप में याद
रखेंगे...इतिहास में यह पहला शर्मनाक मामला है जब किसी देश की सेना के अफ़सर ही
अपने देश को तबाह करने के लिए आतंकवादियों को बम बनाने की ट्रेनिंग दी।
आज के
नवभारत में प्रकाशित सुभाष गाताडे के आलेख 'भारतीय सेना में फैलता हिंदुत्व का
नेटवर्क' में इसी पर चिंता ज़ाहिर की गई है...इस आलेख को नवभारत के अलावा http://mausam-mausam.blogspot.com/
पर भी पढ़ा जा सकता है...